लोकसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर का सबसे बड़ा सर्वे, पीएम मोदी के मुकाबले कोई नहीं

इस सर्वे के अनुसार पीएम मोदी लोकप्रियता के मामले में राहुल गांधी से करीब 4 गुणा ज्यादा आगे हैं।

New Delhi, Sep 04 : देश के नेता के रुप में पीएम मोदी ही जनता की पहली पसंद है, ये हम नहीं बल्कि चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का ऑनलाइन सर्वे कह रहा है। पीके की संस्था इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ने एक ऑनलाइन सर्वे किया था, इस सर्वे के अनुसार 48 फीसदी देशवासी की पहली पसंद पीएम नरेन्द्र मोदी हैं। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सिर्फ 11 फीसदी लोग ही देश के नेता के तौर पर मानते हैं।

मोदी सब पर भारी
इस सर्वे के अनुसार पीएम लोकप्रियता के मामले में राहुल गांधी से करीब 4 गुणा ज्यादा आगे हैं। इस सर्वे के मुताबिक विपक्षी दलों के सभी नेता मिलकर भी अकेले पीएम मोदी की बराबरी नहीं कर सकते। आपको बता दें कि कुछ दिन पहली है चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी का गठन किया है, जिसके अंतर्गत ये ऑनलाइन सर्वे किया गया है।

57 लाख लोगों की राय
देश का सियासी मूड जानने का दावा करने वाला ये ऑनलाइन सर्वे 712 जिलों में करीब 55 दिनों तक चला, इसमें 923 नेताओं को लेकर करीब 57 लाख लोगों से उनकी राय पूछी गई। इस सर्वे के अनुसार पीएम मोदी पहले, राहुल गांधी दूसरे और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तीसरे नंबर पर रहे। केजरीवाल को इस सर्वे में 9.3 फीसदी लोगों ने देश के नेतृत्वकर्ता के रुप में पसंद किया है। केजरीवाल के बाद यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का नंबर आता है, वो चौथे स्थान पर हैं, और 7 फीसदी लोगों की पहली पसंद हैं।

ममता दीदी पांचवें स्थान पर
इन दिनों मोदी सरकार की आलोचना कर सुर्खियों में रहने वाली पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पांचवें स्थान पर हैं, 4.2 फीसदी लोगों ने उन्हें अपनी पहली पसंद बताया। बीएसपी सुप्रीमो मायावती 4.1 फीसदी लोगों की पसंद के साथ छठें स्थान पर हैं, तो सातवें स्थान पर ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक हैं, आठवें पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार, नौंवे पर सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी, और दसवें स्थान पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार हैं।

कौन हैं प्रशांत किशोर ?
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर मूल रुप से बिहार के रहने वाले हैं, उन्होने हैदराबाद से इंजीनियरिंग की है, पढाई पूरी करने के बाद वो विदेश चले गये थे, फिर साल 2011 में देश वापस लौटे, उन्होने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उनकी चुनावी कैम्पनिंग संभालने का ऑफर किया था, जिसे सोनिया गांधी ने ठुकरा दिया। जिसके बाद वो गुजरात विधानसभा चुनाव 2012 में सीएम नरेन्द्र मोदी से जुड़े, और उनकी कैम्पेनिंग संभाली, फिर 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें चुनाव की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी। उन्होने इतिहास रचते हुए पहली बार बीजेपी को 282 सीटें दिलायी। तब प्रशांत किशोर सुर्खियों में छा गये थे। इसके बाद अमित शाह से मतभेद होने के बाद उन्होने बीजेपी का खेमा छोड़ दिया, 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिये चुनावी रणनीति बनाई। इस बार बीजेपी मुंह के बल गिरी। कहा जा रहा है कि 2019 में फिर से मोदी प्रशांत को चुनावी कैम्पेन की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं।