लाखों की नौकरी छोड़ शुरु किया गोलगप्पे बेचने का बिजनेस, सलाना कमा रहे 80 करोड़ रुपये

प्रशांत ने एमबीए किया है, जबकि उनकी पत्नी आरती एमटेक हैं, प्रशांत ने बताया कि जब उन्होने अपने परिवार के साथ गोलगप्पे बिजनेस का आइडिया रखा, तो घर वालों ने कहा कि ये कोई बिजनेस है, ये बिल्कुल नहीं चलेगा।

New Delhi, Jul 30 : गुजरात के वड़ोदरा में गोलगप्पा पर बैन लगा दिया गया है, दरअसल ये मौसमी बीमारियों से बचने के लिये फैसला लिया गया है। कहा जा रहा है कि अब पूरे गुजरात में इसे बैन करने पर विचार किया जा रहा है। आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बता रहे हैं, जिसने गोलगप्पा बेचने के लिये इम्फॉसिस जैसी कंपनी की नौकरी छोड़ दी थी। जी हां, बम बात कर रहे हैं, इंदौर के रहने वाले प्रशांत कुलकर्णी की, जिन्होने पानीपूरी ब्रांड ‘चटर-पटर’ की शुरुआत की, आज उनकी कंपनी का टर्नओवर 80 करोड़ रुपये है, प्रशांत के इस स्टार्टअप के पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है।

कैसे आया आइडिया ?
इम्फोसिस में काम करने वाले प्रशांत कुलकर्णी को एक बार सड़क किनारे गोलगप्पे खाने की वजह से फूड प्वॉइजनिंग हो गई थी, उनकी पत्नी आरती कुलकर्णी ने बताया कि फूड प्वॉजनिंग की वजह से उन्हें अपनी फेवरेट पानीपूरी से चार महीने तक दूरी बनानी पड़ी थी, ठीक होने के कुछ महीने बाद ही उन्होने इस स्टार्टअप के बारे में सोचा था, इसके लिये वो पूरे देश में घूमकर स्ट्रीट फूड को सलेक्ट किया।

2011 में स्टार्टअप शुरु
कुलकर्णी दंपत्ति ने अक्टूबर 2011 में चटर-पटर के नाम से स्टार्टअप शुरु किया, आज वो स्ट्रीट फूड्स को हाइजीनिक तरीके से लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। भले इन्होने अपने स्टार्टअप की शुरुआत इंदौर से की थी, लेकिन फिर धीरे-धीरे उन्होने अपने बिजनेस को बढाना शुरु किया। आज चटर-पटर पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, विशाखापत्तनम, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी पहुंच चुका है।

घर वालों ने नहीं किया था सपोर्ट
आपको बता दें कि प्रशांत ने एमबीए किया है, जबकि उनकी पत्नी आरती एमटेक हैं, प्रशांत ने बताया कि जब उन्होने अपने परिवार के साथ गोलगप्पे बिजनेस का आइडिया रखा, तो घर वालों ने कहा कि ये कोई बिजनेस है, ये बिल्कुल नहीं चलेगा। उनके इस फैसले के साथ घर वाले नहीं थे। प्रशांत और आरती को भी पता था कि बिना फाइनेंशियल सपोर्ट बिजनेस चलाना आसान नहीं होगा।

80 करोड़ का है टर्नओवर
मालूम हो कि प्रशांत कुलकर्णी ने तीस हजार रुपये में ये स्टार्टअप शुरु किया था, आज उनके बिजनेस का टर्नओवर 80 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। प्रशांत ने बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि चटर-पटर से उनके पहले दिन का कलेक्शन मात्र 200 रुपये का था, लेकिन हाइजीनिक होने की वजह से जल्दी ही ये लोगों की पसंद बन गया, लोग इसे अपनाने लगे।

100 से ज्यादा स्टोर्स
कई रिसर्च करने के बाद कुलकर्णी दंपत्ति ने पानीपूरी की 112 फ्लेवर तैयार किये, इसके साथ ही चटर-पटर में पानीपूरी के अलावा बर्गर, पास्ता जैसे 250 से ज्यादा प्रोडक्ट्स को शामिल किया। उन्होने भले तीस हजार में स्टार्टअप शुरु किया था, लेकिन देखते ही देखते उनका बिजनेस बड़ा रुप ले लिया। आज देश के कई बड़े शहरों में चटर-पटर के 100 से ज्यादा स्टोर्स हैं।