रंजन गोगोई होंगे देश के अगले सीजेआई, वर्तमान सीजेआई के खिलाफ प्रेस कांफ्रेस कर मचा दी थी सनसनी

रंजन गोगोई पिछली बार उस समय सुर्खियों में आये थे, जब उन्होने सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के साथ मिलकर मीडिया को संबोधित किया था।

New Delhi, Sep 13 : सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रंजन गोगोई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) होंगे, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के नये सीजेआई की घोषणा कर दी है, वो 3 अक्टूबर को नये मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे। आपको बता दें कि वर्तमान सीजेआई दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं, वरिष्ठता क्रम के अनुसार उनके बाद रंजन गोगोई का ही नंबर आता है।

वकील ने किया था दावा
मालूम हो कि मीडिया में सीजेआई के लिये रंजन गोगोई के नाम की चर्चा पिछले कई दिनों से चल रही थी, अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इन चर्चाओं पर विराम लग गया है। आपको बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जय सिंह ने पिछले महीने रंजन गोगोई के सीजेआई बनने की बात सबसे पहले कही थी। उन्होने ट्विटर पर दावा किया था कि गैर-अधिकारिक रुप से उन्हें ये पता चला है कि अगले सीजेआई के लिये सिफारिश केन्द्र सरकार को 2 सितंबर को भेज दी जाएगी, गोगोई अगले सीजेआई होंगे। रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को रिटायर होंगे।

दीपक मिश्रा ने किया था नाम की सिफारिश
आपको बता दें कि कानून मंत्रालय ने सीजेआई दीपक मिश्रा से उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश मांगी थी। कोर्ट के परंपरा के अनुसार सीजेआई सबसे वरिष्ठ जज के नाम की सिफारिश करते हैं, तो उन्होने अपने बाद सबसे वरिष्ठ जज रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश की।

2012 से सुप्रीम कोर्ट के जज
जस्टिस रंजन गोगोई को 28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था, वो पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में भी जज रह चुके हैं, 12 फरवरी 2011 को उन्हें पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था, फिर अप्रैल 2012 में वो सुप्रीम कोर्ट के जज बने।

दीपक मिश्रा के खिलाफ किया था प्रेस कांफ्रेस
रंजन गोगोई पिछली बार उस समय सुर्खियों में आये थे, जब उन्होने सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के साथ मिलकर मीडिया को संबोधित किया था, इन तीनों जजों ने सीजेआई दीपक मिश्रा की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कई गंभीर आरोप लगाये थे, न्यायपालिका के इतिहास में ये पहला मौका था, जब सुप्रीम कोर्ट के जज मीडिया के सामने आये थे, और अपनी बात रखी थी। जजों के इस कदम ने कानून के साथ-साथ राजनीति के गलियारे में भी भूकंप ला दिया था।