इस मंदिर में शाम को जाने पर है मनाही, जांच करने गये वैज्ञानिकों के भी उड़े होश

इस मंदिर में शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है, वास्तुकलाओं पर ताला लगा दिया जाता है, जैसे ही सूरज ढलता है, इंसानी शरीर को इससे दूर कर ताला लगा दिया जाता है।

New Delhi, Sep 07 : राजस्थान के बाड़मेर से करीब तीस किमी दूर बसा एक छोटा सा गांव है किराड़ू, इस गांव में एक मंदिर है, इस गांव का नाम इसी मंदिर के नाम पर पड़ा है, कहा जाता है कि 11वीं शताब्दी में किराड़ू परमार वंश की राजधानी हुआ करती थी, लेकिन आज यहां चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है, जो भी शख्स इस स्थान के बारे में जानता है, उसके चेहरे पर इस नाम से दहशत आ जाती है, हालांकि किवदंतियों में ऐसा कहा जाता है कि बाड़मेर का ये ऐतिहासिक मंदिर श्रापित है।

चर्चित है कई किस्से
किराड़ू मंदिर के बारे में जो किस्से और कहानियां मशहूर है, उन्हें जानने के बाद हैरान रह जाते हैं, इस मंदिर के आस-पास रहने वाले लोग इससे जुड़े अपशकुनों और श्रापों के बारे में बताते हैं, ग्रामीणों के अनुसार मंदिर के बाहर एक बड़ा सा पत्थर रखा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये एक कुम्हारिन है, जो एक ऋषि के श्राप की वजह से पत्थर बन गई है।

शाम ढलते ही ताला
इस मंदिर में शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है, वास्तुकलाओं पर ताला लगा दिया जाता है, जैसे ही सूरज ढलता है, इंसानी शरीर को इससे दूर कर ताला लगा दिया जाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि जो भी शाम के बाद यहां रुकता है, वो पत्थर बन जाता है, लोगों के अनुसार वहां मौजूद सारे पत्थर किसी जमाने में इंसान हुआ करते थे, इसी डर की वजह से कोई भी आज तक यहां की मान्यताओं को चुनौती देने की जुर्रत नहीं करता है।

19 शताब्दी में आया था भूकंप
बताया जाता है कि 19 शताब्दी में यहां भूकंप आया था, जिसकी वजह से इस मंदिर का काफी नुकसान हुआ था, कई सालों तक वीरान रहने की वजह से इस मंदिर का रख-रखाव भी ठीक ढंग से नहीं हो पाया था, किराड़़ू में कुल 5 मंदिर है, जिनमें से विष्णु और सोमेश्वर का मंदिर ही सही हालत में है, यहां के सभी मंदिरों में सोमेश्वर का मंदिर सबसे बड़ा है।

घूमने के लिये अच्छी जगह
मंदिर की गैलरी में रखी घोस्ट मशीन यानी इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड को मापने वाला एक यंत्र रखा, जिससे पाया गया कि वहां इंसानों के अलावा भी कोई दूसरी ताकत मौजूद है। हैरानी की बात ये है कि नकारात्मक ऊर्जा के बारे में आज तक यहां कोई सबूत नहीं मिला है, विशेषज्ञों ने माना कि किराड़ू वास्तुकला का अद्भुत नमूना है, ये घूमने-फिरने के लिये पूरी तरह से सुरक्षित जगह है।