क्रिकेटर सार्थक की मां और कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि ये कहना गलत है कि मेरे बेटे का चयन मेरिट के आधार पर नहीं हुआ है।
New Delhi, Jan 10 : बिहार के युवा क्रिकेटर सार्थक रंजन का सलेक्शन दिल्ली टी-20 टीम में हुआ है, हैरान करने वाली बात ये है कि उन्होने इस सीजन में एक भी मैच नहीं खेला है, इसके बाद भी उन्हें सीजन के टॉप स्कोरर हितेन दलाल को बाहर रखते हुए टीम में जगह दिया गया है, आपको बता दें कि सार्थक रंजन 21 साल के हैं, और करीब 2 करोड़ रुपये की संपत्ति के अकेले मालिक हैं, वो बिहार के राजनैतिक रसूख वाले परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
पप्पू यादव के बेटे हैं सार्थक
सार्थक रंजन सांसद पप्पू यादव और रंजीत रंजन के बेटे हैं, आपको बता दें कि पप्पू यादव मधेपुरा से सांसद हैं, तो इनकी मां रंजीत रंजन सुपौल से कांग्रेस की सांसद हैं। पप्पू यादव और रंजीत रंजन की जोड़ी बिहार के सबसे पावरफुल राजनैतिक कपल के रुप में जाना जाता है, दोनों अक्सर संसद से लेकर सड़क पर संघर्ष करते दिखते हैं।
दागी सांसद हैं पप्पू यादव
पप्पू यादव सबसे ज्यादा क्रिमिनल केस वाले करंट सांसद हैं, उनके नाम पर 24 केस दर्ज है, जिनमें से 6 अटैम्ट टू मर्डर, 3 क्रिमिनल इंटिमिडेशन, 3 चोरी, 2 रंगदारी, 2 अपहरण, 1 हत्या और 1 डकैती का केस शामिल है। वो कई बार इन मामलों में जेल भी जा चुके हैं, हालांकि पप्पू यादव इसे विरोधियों और सामंतवादियों की साजिश बताते हैं।
करोड़ों की संपत्ति के मालिक
साल 2014 लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव और उनकी पत्नी ने 8 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, हैरानी की बात ये है कि महज चार साल पहले ही साल 2010 में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ते समय रंजीत रंजन ने अपनी संपत्ति मात्र 27 लाख रुपये घोषित की थी, उस विधानसभा चुनाव में रंजीत रंजन को हार का सामना करना पड़ा था।
2 करोड़ के मालिक हैं सार्थक
पप्पू यादव और रंजीत रंजन के इकलौते क्रिकेटर बेटे के नाम 2 करोड़ रुपये की संपत्ति है, ये उन्होने अपने चुनावी हलफनामे में डिक्लियर किया है, सार्थक रंजन के बैंक अकाउंट में करीब 30 हजार रुपये जमा है, मां रंजीत ने अपने बेटे के नाम से साल 2010 में 2.1 करोड़ रुपये का मकान खरीदा था। जिसकी वजह से सार्थक करोड़पति बन गये।
मां चलाती हैं हार्ले डेविडसन
सार्थक रंजन की मां हार्ले डेविडसन बाइक चलाना पसंद करती हैं, वो हार्ले लेडीज क्लब की सदस्य भी हैं, 2016 में वुमेन्स डे के खास मौके पर वो संसद हार्ले डेविडसन बाइक लेकर पहुंची थी, उन्होने ये बाइक साल 2015 में खरीदी थी। एक इंटरव्यू के दौरान रंजीत रंजन के कहा था कि वो अपनी बाइक किसी को भी ड्राइव करने नहीं देती, अपने हसबैंड तक को नहीं।
सलेक्शन कमेटी की हो रही आलोचना
अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को नजरअंदाज कर प्रभावशाली नेता के बेटे को चुनने पर सलेक्शन कमेटी की खूब आलोचना हो रही है, दिल्ली चयन समिति के तीन सदस्य अतुल वासन, हरि गिडवानी और रॉबिन सिंह जूनियर हैं। मुश्ताक अली टूर्नामेंट में भी सार्थक के चयन पर काफी विवाद हुआ था, उस टूर्नामेंट में सांसद के बेटे ने 5, 3 और 2 रन ही बनाये थे, इस सीजन के शुरुआत में सार्थक को रणजी ट्रॉफी के संभावितों की सूची में भी शामिल किया गया था, लेकिन उन्होने खुद ही अपना नाम वापस ले लिया था।
सार्थक के क्रिकेट छोड़ने की खबरें
बीच में ये भी खबर आई थी कि सार्थक रंजन ने क्रिकेट छोड़ दिया है, अब वो मिस्टर इंडिया कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेने के लिये तैयारी कर रहे हैं, फिर अचानक सीजन खत्म होते ही, उनकी मां ने डीडीसीए के एडमिनिस्ट्रेर जस्टिस विक्रमजीत सेन को एक ई-मेल भेजा, जिसमें उन्होने कहा कि उनका बेटा डिप्रेशन से परेशान था, लेकिन अब वो पूरी तरह से फिट है, जिसके बाद जस्टिस सेन ने उनका लेटर चयनकर्ताओं को भेज दिया।
आलोचना पर सामने आई रंजीत रंजन
क्रिकेटर सार्थक की मां और कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि ये कहना गलत है कि मेरे बेटे का चयन मेरिट के आधार पर नहीं हुआ है, वो दिल्ली में अंडर-14 से खेल रहा है, उसकी कप्तानी में दिल्ली की टीम चैंपियन बन चुकी हैं, उसने पिछले साल अंडर-23 के मैचों में शानदार प्रदर्शन किया था, उन्होने तब 65, 40 और 193 रनों की शानदार पारी खेली थी, मेरे बेटे के खिलाफ साजिश रची जा रही हैं, मैं उसके हरेक मैच का स्कोरशीट मुहैया करा सकती हूं।