22 साल की भारतीय लड़की, ट्रायल मैच में दागे 10 गोल, फुटबॉल लीग के लिए आया बुलावा

22 साल की भारतीय लड़की ने इतिहास रच दिया है। अब वो प्रोफेशनल फुटबॉल लीग में अपना दमखम दिखाती नजर आएंगी। आइए इस लड़की के बारे में आपको बता देते हैं।

New Delhi, Mar 10: 22 साल की इस भारतीय लड़की ने इतिहास रच दिया है। ये हैं इंटरनेशनल महिला फुटबॉलर अनीता। अनीता अब प्रोफेशनल फुटबॉल लीग में दमखम दिखाती नजर आएंगी। खास बात ये है कि इस प्रोफेशनल लीग में खेलने वाली वो अपने प्रदेश की एकमात्र महिला फुटबॉलर होंगी। अनीता कौन हैं और कैसे उन्होंने ये मुकाम हासिल किया, इस बारे में भी जानिए।

ये है अनीता की कहानी
22 साल की अनीता दून के मोहकमपुर की रहने वाली हैं। जिस उम्र में बच्चों को खेल और खिलौनों ने फुरसत नहीं मिलती, उस उम्र में ही अनीता ने फुटब़ॉल को अपना खिलौना बना लिया। धीरे धीरे उन्होंने इस खेल को निखारना शुरू कर दिया। पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं। लेकिन यहां तो बेटी ने अपने पैरों के जादू से सभी का दिल जीत लिया।

बचपन से ही था खेल का जुनून
वक्त बीता तो अनीता का इस खेल के लिए जुनून उफान मारने लगा। साल 2007 में दून के महेंद्रा ग्राउंड गढ़ीकैंट में अनीता ने विजयकैंट क्लब के समर कैंप से खेलना शुरू कर दिया। अनीता ने कोच रतन थापा और बुद्धिमान थापा हैं। दोनों से ही उन्होंने फुटबॉील की बारीकियां सीखी। कहते हैं हुनर को तराशने के लिए गुरू की जरूरत होती है, अनीता के साथ भी ऐसा ही हुआ।

कोच ने संवारा खेल
रतन थापा और बुद्धिमान थापा की कोचिंग में खेलते हुए अनीता ने लगातार अपना खेल संवारा। जलवे दिखाने शुरू किए तो हर कोई हैरान रह गया। आखिरकार अनीता को अलग अलग टीमों की तरफ से बुलावा आने लगा था। प्रोफेशनल लीग का जिस दौरान क्वालिफाइंग राउंड खेला जा रहा था, उस दौरान यूनाइटेड वॉरियर्स टीम की तरफ से खेलते हुए अनीता ने 6 मैचों में 10 गोल दागे।

6 मैचों में दस गोल दागे
जी हां 6 मैचों में दस गोल दागने वाली इस लड़की के पैरों का हुनर जिसने भी देखा, वो हैरान था। हालांकि उनकी टीम फाइनल में तो नहीं पहुंच सकी, लेकिन अनीता का खेल कहां रुकने वाला था। अनीता के खेल के खेल को देखकर फाइनल राउंड में पहुंची गोकुलम एफसी काफी प्रभावित थी। गोकुलम एफसी ने अनीता से आगे खेलने के लिए संपर्क कर दिया।

अब फाइनल राउंड के मैच
अब 25 मार्च से शिलॉन्ग में लीग के फाइनल राउंड के मुकाबले शुरू होंगे। अनीता के पिता बिमल सिंह इससे पहले आर्मी के लिए खेलते थे। पिता को फुटबॉल खेतले देखकर ही बेटी के मन में भी इस खेल की दीवानगी बढ़ गई थी। अनीता इससे पहले अंडर-16 और अंडर-19  एएफसी चैलेंज कप में भारतीय महिला फुटबाल टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।

ऐसे परवान पर चढ़ा करियर
साल 2011 में एसजीएफआइ नेशनल गर्ल्स फुटबॉल हुआ था। इस चैंपियनशिप में अनीता को तीन अवार्ड मिले थे। इसके बाद 2013 में उन्होंने दिल्ली के गढ़वाल हीरोज क्लब से प्रोफेशनल फुटबाल की शुरुआत की थी। पिछले साल ही अनीता को इंडियन वूमेन लीग से जुडऩे का मौका मिला। अब ये भारतीय लड़की केरल में अपना दम दिखाएंगी।