45 सरकारी नौकरियां छोड़ीं, पिता के डर से फिल्में भी नहीं की, फिर बन गए पुलिस अफसर

छत्तीसगढ़ पुलिस में सूबेदार रमेश कुमार सुर्खियां में रहते हैं । दरअसल वो अपनी फिटनेस के लिए जाने जाते हैं । बनना चाहते थे मॉडल लेकिन कैसे पुलिस विभाग में आ पहुंचे आगे पढ़ें ।

New Delhi, Nov 20: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाले रमेश कुमार पुलिस विभाग में सूबेदार के पद पर तैनात हैं । आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 21 साल में वो तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर चुके हैं, एग्‍जाम देकर करीब 46 सरकारी नौकरियों में चयनित भी हो चुके हैं । इंडियन रेलवे, आर्मी, खाद्य विभाग, सीएएफ, बैंक, राजस्व विभाग समेत कई सरकारी विभागों में वो नौकरी पा चुके हैं, लेकिन उन्होंने सिर्फ तीन नौकरियों में ही ज्वाइनिंग दी है ।

सूबेदार पद पर हैं रमेश कुमार
रमेश मूलत: रायपुर के ही रहने वाले हैं । वो, कोरिया जिले के बैकुंठपुर की पुलिस लाइन में सूबेदार पद पर पदस्थ हैं । रमेश कुमार को मॉडलिंग का शौक था, साल 2000 में बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर रायपुर और साल 2001 में छत्तीसगढ़ में वो तीसरा स्थान भी पा चुके हैं । उन्‍हें छत्तीसगढ़ी फिल्मों में हीरो बनने का ऑफर भी आया, लेकिन पुलिस विभाग में आरक्षक पिता बीआर पुरेना इस बात से नाराज थे । रमेश ने पिता के डर से फिल्मों के ऑफर को ठुकरा दिया ।

सरकारी नौकरियों की तैयारी में जुटे
रमेश कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पापा चाहते थे कि मैं सरकारी नौकरी करूं और कोई दूसरी नौकरी नहीं, इसलिए मैंने मॉडलिंग पर ध्यान नहीं दिया और सरकारी नौकरी की तैयारी में जुट गया । स्कूली शिक्षा की पढ़ाई में हमेशा औसत छात्र रहे रमेश जब पढ़ाई में जुटे तो एक के बाद एग्‍जाम क्रैक करते चले गए । साल 2000 से 2021 के बीच उनका चयन अलग-अलग 46 सरकारी नौकरियों में हो चुका है । 7 बार आर्मी में जीडी के पद पर चयनित हुए । लेकिन उनके पापा का मन था कि वो बड़े पद पर काम करें । इसी वजह से 46 में से 44 नौकरियां तो उन्‍होंने ज्वाइन ही नहीं की । साल 2003 में छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्स में चयनित हुआ तो वहां ज्वाइन कर लिया, लेकिन 6 साल बाद 2009 में वो नौकरी छोड़ पीएससी की तैयारी पर ध्यान लगाया।

2013 में सूबेदार बने
11 बार पीएससी मेंस की परीक्षा देने के बाद भी सफलता नहीं मिली । इसके बाद साल 2013 में छत्तीसगढ़ पुलिस में सूबेदार पद पर चयनित हुए तब से अब तक यही नौकरी कर रहे हैं । लेकिन दूसरी नौकरियों के लिए भी परीक्षा देते रहते हैं । रमेश कुमार ने बताया कोरिया पुलिस ‘राह’ योजना के तहत गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा के साथ ही फिजिकल ट्रेनिंग भी देती है, इन्‍हीं बच्चों को अलग-अलग स्कूलों में रमेश कुमार भी पढ़ाते हैं । थियोरी के साथ वो बच्‍चों को फिजिकल तैयारी भी करवाते हैं ।