हिंदुस्तान की करामाती ‘’करंज’’,7 खूबियां इसे बनाती हैं समंदर की जेम्स बॉन्ड

हिंदुस्तान में दुनिया की सबसे तेज-तर्रार और सुपरफास्ट पनडुब्बी लॉन्च कर दी गई है। करंज पनडुब्बी दुश्मनों के लिए खतरा है। जानिए इस ताकत की सात बड़ी खूबियां

New Delhi, Jan 31: हिंदुस्तान की शान बढ़ाने के लिए नौसेना के पास एक बार फिर से करामाती हथियार आ गया है। करंज पनडुब्बी के जरिए भारतीय नौसेना और भी मजबूत हो गई है।मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड से इस पनडुब्बी को लॉन्च किया गया है। आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर इसमें ऐसी क्या खूबियां हैं, जो इसे दुनिया में सबसे अलग खड़ा करती हैं।

भारतीय नौसेना की ताकत
काफी वक्त से भारतीय नौसेना में स्कॉर्पीन सबमरीन की डिमांड की जा रही थी। आखिरकार नौसेना को ये सबमरीन पिछले साल से अब तक 3 मिल गई हैं। चीन इस वक्त हिंद महासागर में अपनी चहलकदमी बढ़ा रहा है। ऐसे में ये पनडुब्बी चीन की बढ़ती चालाकी पर रोक लगाने के लिए काफी है। करंज’ एक स्वदेशी पनडुब्बी है, जो ‘मेक इन इंडिया’ के तहत तैयार की गई है।

करंज किसी करामात से कम नहीं
इसमें हाईटेक्नोलॉजी से लैस औप लेटेस्ट फीचर्स दिए गए हैं। इस वजह से ये दुश्मन को ढूंढकर उस पर सटीक निशाना लगा सकती है। कंरज पनडुब्बी की लंबाई 67.5 मीटर है। इसके अलावा ये पनडुब्बी 12.3 मीटर ऊंची और 1565 टन वजनी है। अब आप इसकी ताकत जानकर और भई हैरान हो जाएंगे। दुश्मनों के लिए ये किसी काल से कम नहीं।

अब दुश्मन को मिलेगी सीधा चुनौती
‘करंज’ टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले करने में सक्षम है। युद्ध की स्थिति में करंज पनडुब्बी हर तरह की अड़चनों को दूर कर लेती है। इसके अलावा ये बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा दे सकती है। खास बात ये भी है कि  इस पनडुब्बी का इस्तेमाल हर तरह के वॉरफेयर, ऐंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस के लिए किया जा सकता है।

ये है करंज की खासियत
अब आपको बताते हैं कि करंज की सबसे बड़ी खासियत क्या है। इसकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि ये किसी भी हाल में दुश्मनों के रडार पर नहीं आ सकती। इस पनडुब्बी के द्वारा जमीन से भी दुश्मनों पर वार किया जा सकता है। अगर इस पनडुब्बी में ऑक्सीजन खत्म हो जाए, तो इसमें ऑक्सीजन तैयार करने की भी झमता है। यानी इसकी मदद से लंबे वक्त तक पानी में रहा जा सकता है।

युद्ध में बनेगी दुश्मन के लिए काल
इस सबमरीन को फ्रांस की तकनीक पर तैयार किया गया है। इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि ये किसी भी तरह के युद्ध में सेना के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। इस पनडुब्बी की मदद से सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है और दुश्मनों पर हमला किया जा सकता है। कुल मिलाकर दुश्मनों के लिए ये पनडुब्बी किसी काल से कम नहीं है।

तीसरी स्कॉर्पीन सबमरीन
प्रॉजेक्ट 75 प्रोग्राम के तहत एमडीएल द्वारा बनाए जाने वाली 6 पनडुब्बियों में से ये तीसरी है। इस श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी पिछले साल 14 दिसंबर को लॉन्च की गई थी। वहीं दूसरी पनडुब्बी खांदेरी भी पहले ही लॉन्च की जा चुकी है, जिसका समुद्र में ट्रायल किया जा रहा है। स्कॉर्पीन सबमरीन्स के होने से हिंदुस्तान की नौसेना की ताकत और भी ज्यादा बढ़ जाएगी।