सात समंदर पार से हिंदुस्तान में आई ‘एंजल’,ऐसे फैलाया मानवता का संदेश

वो साल समुंदर पार से हिंदुस्तान में आई और मानवता का संदेश हर जगह फैला रही है। भारत की संस्कृति को प्रणाम करते हुए वो और भी काम कर रही हैं।

New Delhi, Mar 27: आज भारत की संस्कृति और संभ्यता की चर्चाएं पूरी दुनिया में होती है। दुनिया जानती है कि हिंदुस्तान के लोग आज भी मानवता के लिए बड़े बड़े काम कर रहे हैं। इसलिए कोई सैलानी विदेश से यहां आता है तो यहां की संस्कृति में रच बस जाता है और जिंदगी में मानवता के लिए बड़े काम करता है। आज एक ऐसी ही विदेशी महिला के बारे में हम आपको बता रहे हैं।

भारत आई विदेशी मेहमान
इन दिनों भारत आई एक विदेशी महिला काफी चर्चाओं में हैं। वजह ये है कि वो गरीब लोगों, गरीब परिवारों, बेजुबान जानवारों की मदद कर रही हैं। एक बार तो ये महिला आकर्षण का केंद्र ही बन गईं। उन्होंने बुरी तरह से जख्मी एक कुत्ते की सेवा रोड पर ही करनी शुरू दी। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर मौजूद लोग इस महिला की सेवा भावना को देखते रहे।

लोगों की सेवा पर ही ध्यान
इसके बाद वो विदेशी महिला कुत्ते का उपचार करवाने के लिए अपने साथ ले गई। स्थानीय लोगों को कहना है कि ये महिला काफी दिनों से शहर में मौजूद बेजुबान जानवरों जैसे गाय और कुत्तों की सेवा में जुटी हैं। साउथ अफ्रीका से आई इस महिला का नाम पामेला बताया जा रहा है। पाश्चात्य संस्कृति की ये महिला यहां सेवाभाव की अदुभुत मिसाल दे रही हैं।

बेजुबानों की भी मददगार
पामेला को कहीं पर भी घायल बेजुबान जानवर दिखते हैं तो वो उनकी मरहम पट्टी में जुट जाती हैं। इसके अलावा गरीब बच्चों औरद गरीब परिवारों के बीच रहकर भी वो उनकी सेवा कर रही हैं। उनका मानना है कि इंसानियत की सेवा से बढ़कर कुछ नहीं है। बताया जाता है कि जिस दौरान केदार आपदा आई थी, पामेला उस दौरान ऋषिकेश में ही थीं।

ये है पामेला की कहानी
उस दौरान पामेला के साथी उन्हें छोड़कर चले गए थे। इसके बाद पामेला ने खुद ही आपदा पीड़ितों की मदद करने का प्रण लिया। हालांकि वीजा खत्म होने के बाद वो वापस अपने देश लौटीं लेकिन आपदा से प्रभावित परिवारों के दर्द को जानकर उनसे अपने मुल्क में रहा नहीं गया। इसके ठीक 6 महीने बाद वो फिर से वापस आ गईं और यहीं लोगों की सेवा करने लगीं।

लोगों के लिए बनी मसीहा
इसके बाद पामेला ने सड़कों, प्लेटफॉर्म और यहां वहां असाध्य रोगों से जूझ रहे लोगों की मदद की। पामेला बताती हैं कि वो किसी को भी ऐसे हाल में देखती हैं तो खुद ही उसकी सेवा में जुट जाती हैं। पामेला ने यहां योग सीखा और आज वो एक योग शिक्षक भी हैं। पामेला कहती हैं इसकी प्रेरणा उन्हें योगाचार्य परमहंस स्वामी शिवानंद सरस्वती से मिली थी।

कर्मयोग को बताया आधार
भले ही पामेला योग शिक्षक हैं, लेकिन उनका मानना है कि कर्मयोग ही इंसान की जिंदगी का सबसे अहम योग है। उनका कहना है कि कर्मयोग ही उन्हें सेवा कार्य करने का मौका देता है। उन्हें दीन-दुखियों की सेवा करने में ही आनंद मिलता है। सात समंदर पार से हिंदुस्तान आई हुई ये विदेशी महिला अब लोगों के लिए भी प्रेरणा बन रही है।