नकली गहने गिरवी रखकर असली गहने उड़ाने वाला ये गैंग अपने काम में माहिर है, इनके शातिर तरीकों ने शहर भर के ज्वैलर्स की आंखों में धूल झोंका और उन्हें इस बात की भनक तक नहीं लगने दी ।
New Delhi, Aug 30 : जोधपुर में पिछले दिनों ज्वैलर्स के साथ हुई ठगी के मामले में पुलिस को अब कुछ सुराग हाथ लगने शुरू हुए हैं । 2 महीने पहले हाथीराम के ओडा स्थित धनेश्वर ज्वैलर्स के मालिक अश्विनी कुमार सोनी के साथ ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया था । इनकी दुकान पर एसयूवी में आए एक युवक और दो महिलाओं ने नकली बाजूबंद गिरवी रखवाए और उनसे दो लाख के असली जेवर ठग लिए । हैरानी इस बात की कि ज्वैलर नकली गहने की परख तक नहीं कर पा रहे । पुलिस को आगे की जांच में पता चला है कि ऐसे कई ज्वैलर हैं जो इन ठगों के हाथों ठगे गए हैं ।
25 से ज्यादा ज्वेलर्स को ठगा
पुलिस को मिली शिकायत के बाद जब इस मामले की जांच शुरू की गई तो पता लगा शहर के दो दर्जन से भी ज्यादा ज्वैलर शॉप पर ये ठग अपना हाथ साफ कर चुके हैं । हैरानी इस बात की कि कोई भी ज्वेलर इनकी चालबाजियों को समझ ही नहीं सका । अब एक के बाद एक कर कई पीडि़त ज्वेलर्स सामने आ रहे हैं । सभी के साथ कुल मिलाकर 2 से 3 करोड़ की ठगी को अंजाम दिया गया है ।
ज्वैलर्स को दी जा रही है धमकी
इस सामवार को करीब 4 पीडि़त ज्वैलर्स पुलिस कमिश्नर के दफ्तर पहुंचे और आपबीती बताई । पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गिरोह में शामिल महिलाएं ज्वैलर्स को एससी-एसटी एक्ट और दुष्कर्म के झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकियां भी दे रही हैं । इसी वजह से कई कारोबारी सामने ही नहीं आ पा रहे हैं । ठग गिरोह ने जोधपुर शहर के अलावा लूणी, तिंवरी और पीपाड़ शहर समेत जिले के कई दूसरे कस्बों में भी कई सुनारों को अपना शिकार बनाया है ।
बाजूबंद गिरवी रख गईं थी महिलाएं
पीडि़त ज्वैलर ने 26 जून को घटी ठगी की इस घटना के बारे में बताया । सांगरिया इलाके में रहने वाला शेरसिंह राजपुरोहित और उसके साथ कमला और गीता बीती 26 जून की शाम करीब साढ़े चार बजे स्कॉर्पियो लेकर हाथीराम का ओडा इलाके में धनेश्वर ज्वैलर्स पर पहुंचे। तीनों ने ज्वेलर अश्विनी सोनी से जेवर लेने की बात की । एक नेकलेस, ईयररिंग, मंगलसूत्र, कान की चेन, नाक की एक नथ और एक बाली समेत करीब 6 तोले की खरीदारी की । बिल बना कुल 2 लाख 8 हजार 341 रुपए का । जिसके एवज में उन्होने एक बाजूबंद गिरवी रख दिया और घर में शादी की बात कहकर हफ्ते भर में पैसा देने की बात कह गए ।
फिर नहीं दिखी शकल
15 दिन बाद भी जब शेरसिंह वापस भुगतान करने और गिरवी रखा बाजूबंद छुड़ाने नहीं आया तो ज्वैलर को उस पर संदेह हुआ। बाजूबंद की जांच की तब पता लगा कि वो नकली है । पुलिस को अब ये भी शक है कि इस गिरोह द्वारा गोल्ड फाइनेंस कंपनियों में भी ठगी की गई होगी । क्योंकि जब सुनार गहने की परख नहीं कर पाए तो फज्ञइनेंस कंपनियों को तो आसानी से ठगा गया होगा । पुलिस को शक है कि इस गिरोह के साथ कोई ज्वैलर भी काम कर रहा है क्योंकि मशीन भी ना पकड़ सके, ऐसे नकली गहने बनाना आम कारीगर के बस की बात नहीं है ।