जिस गांव में जाने को नहीं है सड़क, वहीं से टीम इंडिया में चुना गया ये लड़का

Vivek Sagar

जैसे ही विवेक के टीम इंडिया में चुने जाने की जानकारी लगी, तो इस छोटे से गांव में खुशियों में ठिकाना ना रहा।

New Delhi, Jan 10 : हॉकी इंडिया ने न्यूजीलैंड में होने वाले टूर्नामेंट के लिये भारतीय टीम की घोषणा कर दी है, इस टीम में एमपी हॉकी अकादमी के तीन खिलाड़ियों को चुना गया है, जिसमें से एक नाम होशंगाबाद जिले के इटारसी के पास के गांव चांदौन का भी है, इस युवा खिलाडी का नाम विवेक सागर प्रसाद है, जैसे ही विवेक के टीम इंडिया में चुने जाने की जानकारी लगी, तो इस छोटे से गांव में खुशियों में ठिकाना ना रहा। विवेक के घर वालों ने हर दोस्त और रिश्तेदार को फोन कर इसकी जानकारी दी। आपको बता दें कि विवेक टीम में मिडफिल्डर रहेंगे।

चांदौन गांव में हॉकी
आपको बता दें कि आदिवासी ब्लॉक केसला के अंतर्गत आने वाले शिवनगर चांदौन गांव में हॉकी खे प्रति खूब दीवानगी रही है, Vivek Sagar Familyइस गांव में कई युवा हॉकी खेलते हैं, विवेक सागर प्रसाद के लगन का ही ये परिणाम रहा, कि वो पहले इंडियन जूनियर हॉकी टीन में चुने गये थे, जहां उन्होने शानदार प्रदर्शन किया था, जिसके बाद अब उनका चयन भारतीय टीम में किया गया है।

पिछले एक साल में दूसरी उपलब्धि
साल 2018 के शुरुआत में ही उन्हें टीम इंडिया में चुन लिया गया है, पिछले एक साल में ये विवेक सागर की दूसरी बड़ी उपलब्धि है, जिस गांव में विवेक रहते हैं, Vivek Sagar3उस गांव में पक्का रास्ता भी नहीं है। टीम इंडिया में खेलने को तैयार विवेक के पिता रोहित प्रसाद ब्लॉक के एक प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक हैं, उनका मकान भी पक्का नहीं है, उनका परिवार शीट की छत वाले घर में रहता है।

ध्यानचंद ने अपने घर पर रखा
विवेक सागर प्रसाद की प्रतिभा को हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के बेटे अशोक ध्यानचंद ने पहचाना, उन्होने महाराष्ट्र में स्टेट हॉकी चैंपियनशिप के दौरान विवेक को पहली बार देखा, Ashok Dhyanchandफिर वो उन्हें लेकर अपने साथ भोपाल आ गये और अपने घर पर रखकर डेढ महीने प्रशिक्षण दिया, इसके बाद उनका दाखिला मध्य प्रदेश हॉकी अकादमी में करा दिया।

खूब संघर्ष किया
एमपी हॉकी एकेडमी में पहुंचने से पहले विवेक ने खूब संघर्ष किया, उन्होने अपने दोस्तों से हॉकी स्टिक उधार लेकर खेली, जूते तक खरीदने के लिये पैसे नहीं थे, Trophyकिसी तरह से संघर्ष कर वो आगे बढते रहे, फिर टीकमगढ के साई हॉस्टल में एडमिशन मिल गया, धीरे-धीरे वित्तीय संघर्ष खत्म होने लगा। एमपी हॉकी एकेडमी पहुंचने के बाद फिर विवेक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

जोहर कप में जूनियर टीम का नेतृत्व
इससे पहले विवेक सागर प्रसाद ने मलेशिया में हुए सुल्तान ऑफ जोहर कप में जूनियर हॉकी टीम का नेतृत्व किया था, Vivek Sagar1फिलहाल वो एमपी हॉकी एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं, अब उन्हें टीम इंडिया में चुन लिया गया है, जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि न्यूजीलैंड में वो भारतीय जर्सी पहने मैदान पर नजर आएंगे।

पिता चाहते थे बेटा बने इंजीनियर
विवेक के पिता रोहित प्रसाद पेशे से स्कूल टीचर हैं, वो अपने बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते थे, इसके लिये वो बेटे को खूब पढाना चाहते थे, Vivek Sagar2लेकिन विवेक के दिल में तो कुछ और ही बसता था, वो हॉकी में ही अपना भविष्य तलाश रहे थे, शुरुआती दिनों में समझाने के बाद फिर पिता ने भी विवेक की मदद करनी शुरु कर दी, ताकि वो हॉकी में ही अपना करियर बना सकें।

दोस्त ने किया प्रेरित
आर्डनेस फैक्ट्री निवासी हॉकी खिलाड़ी सोनू अहिरवार ने विवेक सागर को हॉकी खेलने और इसमें करियर बनाने के लिये प्रेरित किया, Hockey Teamसोनू ही उन्हें टीकमगढ के साई हॉस्टल लेकर आये थे। फिर अशोक ध्यानचंद की नजर उन पर पड़ने के बाद उन्होने विवेक को अपने पास बुला लिया, कुछ दिन प्रशिक्षण देने के बाद उन्होने उन्हें एमपी हॉकी अकादमी में प्रशिक्षण दिलवाया ।

विधानसभा अध्यक्ष ने किया था सम्मानित
जूनियर हॉकी टीम में चुने जाने के बाद विवेक सागर जब घर पहुंचे, तो मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सीतासरन शर्मा ने उन्हें सम्मानित किया था। Hockeyइटारसी के हॉकी प्लेयर कन्हैया गुरबानी ने कहा कि विवेक ने नर्मदांचल को गौरवान्वित किया है, उनकी वजह से अब दूसरे नये खिलाड़ी भी इस खेल की तरफ आएंगे।