पति के टिकट पर पत्नी समेत ये लोग कर सकते हैं सफर, एक रुपये भी नहीं देने होंगे अतिरिक्त

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यदि कोई रेल यात्री किसी खास इंस्टीट्यूट का छात्र है, उसका टिकट कंफर्म है, लेकिन किसी वजह से अगर वो छात्र यात्रा नहीं करना चाहता है, तो संबंधित इंस्टीट्यूट के हेड 24 घंटे पहले लिखित आवेदन दे सकते हैं।

New Delhi, Apr 13 : अभी तक कई रेल यात्री इस बात को नहीं जानते, कि भारतीय रेल टिकट ट्रांसफर करने की भी सुविधा देता है। यदि कोई पैसेंजर किसी कारण से सफर नहीं कर पा रहा है, तो वो 24 घंटे पहले लिखित रुप से इसकी सूचना चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर को दे सकता है। जिसके बाद उस टिकट को उनके परिवार के दूसरे सदस्य जैसे पत्नी, पिता, भाई-बहन या बच्चे के नाम से ट्रांसफर किया जा सकता है, हालांकि आरक्षित टिकट ट्रांसफर कुछ विशेष परिस्थितियों में ही होता है।

लिखित सूचना दें
यदि रेल यात्री गवर्नमेंट कर्मचारी या अधिकारी है, और किसी कारण से यात्रा नहीं कर पा रहा है, तो ट्रेन के शेड्यूल डिपार्चर टाइम से 24 घंटे पहले इसकी लिखित सूचना दे सकते हैं। फिर जिस पैसेंजर के नाम से रिजर्वेशन है, वो अपनी पत्नी, पिता, भाई-बहन या बेटा-बेटी के नाम से ट्रांसफर करवा सकता है। इसके लिये 24 घंटे पहले रेल आरक्षण काउंटर पर लिखित सूचना देनी होगी।

इंस्टीट्यूट के छात्र
इसी तरह यदि कोई रेल यात्री किसी खास इंस्टीट्यूट का छात्र है, उसका टिकट कंफर्म है, लेकिन किसी वजह से अगर वो छात्र यात्रा नहीं करना चाहता है, rail 7तो संबंधित इंस्टीट्यूट के हेड 24 घंटे पहले लिखित आवेदन दे सकते हैं, जिसके बाद उस इंस्टीट्यूट के किसी दूसरे स्टूडेंट के नाम टिकट ट्रांसफर की जा सकती है।

एनसीसी
एनसीसी कैडेट ग्रुप के साथ भी ऐसा हो सकता है। अगर एनसीसी के किसी कैडेट का टिकट बुक हो, लेकिन किसी वजह से वो यात्रा ना करना चाहता हो, ncc2तो फिर कैडेट ग्रुप के हेड 24 घंटे पहले लिखित आवेदन दें, जिसके बाद दूसरे कै़डेट के नाम टिकट ट्रांसफर हो सकता है। इसके लिये सिर्फ ट्रांसफर चार्ज लिया जाएगा।

टिकट गुम हो जाए तो
अगर आपका रेल रिजर्वेशन Ticket गुम हो जाए, तो आप दुबारा टिकट प्राप्त कर सकते हैं, इसके लिये आपको रेल रिजर्वेजन काउंटर पर अपना आईडी कार्ड दिखाना होगा, rail-ticket-storyसाथ ही एक आवेदन लिख कर दे, कि आपका टिकट गुम हो गया है, इसलिये आपको दुबारा टिकट दिया जाए। मामूली रकम देने के बाद काउंटर से आपको आसानी से टिकट मिल जाएगा।

डॉक्टर की सुविधा
रेल यात्रा के दौरान अगर आपकी तबियत खराब है, या फिर तबियत पूरी तरह ठीक नहीं लग रहा है, ऐसी स्थिति में टीसी को इंफार्म करें, डॉक्टर आपकी सीट पर आएंगे और आपका चेकअप करेंगे। ट्रेन में अगर दवाई या दूसरी चीजें उपलब्ध ना हुई, तो फिर अगले आने वाले स्टेशन से मदद ली जाएगी।

संक्रामक रोग
अगर किसी रेल यात्री को संक्रामक रोग होता है, तो उसे ट्रेन से उतार दिया जाता है, दरअसल ऐसा इसलिये किया जाता है क्योंकि संक्रामक की वजह से दूसरे यात्री परेशान हो सकते हैं, उन्हें भी बीमारी हो सकती है, इसलिये डॉक्टर उन्हें अगले आने वाले स्टेशन पर उतार लेते हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है। साथ ही घर वालों को इस बात की जानकारी दे दी जाती है।