यहां खुद बंद हो जाते हैं इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, वैज्ञानिकों के पास भी इसका जवाब नहीं

दुनिया में कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां आपका कदम पड़ेगा तो आपके पास रखा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खुद ही बंद हो जाएगा। आप भी जानिए इन जगहों का रहस्य

New Delhi, Nov 09 : दुनिया में कई जगहें ऐसी हैं, जहां जाकर हर कोई हैरान रह जाता है। जी हां कई जगहें ऐसी हैं, जिनके रहस्य के बारे में वैज्ञानिक भी आज तक खुलासा नहीं कर पाए। ऐसी ही एक जगह के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। बताया जाता है कि इस जगह पर आते ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस काम करना बंद कर देते हैं। इसके पीछे कुछ बातें कही जाती हैं।

बेहद विचित्र है ये जगह
जिस जगह की हम बात कर रहे हैं, वो बेहद ही विचित्र है। वो जगह मैक्सिको में मौजूद है। कहा जाता है कि यहां आकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण काम करना बंद कर देते हैं। वैज्ञानिक बताते हैं कि यहां कुछ ऐसी विचित्र चीज है, जहां रेडियो फ्रीक्वेंसी काम नहीं कर पाती है। इस जगह का नाम भी बड़ा अजीब है, इस नाम से काफी लोग पहले ही खौफ खाने लगते हैं।

जगह का नाम है जोन ऑफ साइलेंस
इस जगह का नाम है Zone Of Silence। जोन ऑफ साइलेंस एक ऐसी जगह है, जहां सच में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद हो जाते हैं। चाहे आपके पास सेल फोन हो या फिर कुछ और सब कुछ बंद हो जाएगा। बताया जाता है कि कई साल पहले यहां एक रॉकेट धराशाई हो गया था। इसके बाद से यहां विचित्र एनर्जी लगातार विचरण कर रही है। इसके बारे में जानिए।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण काम नहीं करते
इस जगह पर इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण फेल होजाने को लेकर रिसर्च की गई थी। रिसर्च में ये बात निकलकर सामने आई कि यहां से गुजर रहा एक अमेरिका का टेस्ट रॉकेट धराशाई हो गया। साइंटिस्ट जब इस जगह पर पहुंचे तो कुछ हैरान कर देने वाली घटनाए हुई। यहां डायरेक्शन कंपस और जीपीएस चकरी की तरह घूमने लग गए थे, जिसे देखकर सब दंग रह गए।

अजीबो-गरीब घटनाओं का दावा
कुछ लोग तो यहां तक दावा करते हैं कि यहां कुछ अजीबो गरीब घटनाएं देखी गई हैं। कुछ लोग कहते हैं कि यहां उन्होंने अजीब सी शक्ल के इंसान देखे थे। हालांकि वैज्ञानिक इस बात को महज एक अफवाह मानते हैं।। इसके बाद भी कुछ लोग कहते हैं कि यहं हर वक्त और खास तौर पर रात के वक्त कुछ ऐसी घटनाएं होती है कि पैरों तले जमीन खिसक जाती है।

उल्कापिंड भी गिरे थे
इससे पहले ये जगह चर्चा में आई थी। बताया जाता है कि यहां कई उल्कापिंड गिरे थे। यहां पहला उल्कापिंड 1938 में गिरा था। इसके बाद इसी जगह पर दूसरा उल्कापिंड 1954 में गिरा था। इन घटनाओं के बाद से स्थानीय लोग कहते हैं कि यहां अजीब तरह की घटनाएं होती हैं। वैज्ञानिकों ने काफी रिसर्च की लेकिन उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हो पाया था।

तेल कंपनी के छूटे थे पसीने
कहा जाता है कि यहां एक बार एक ऑयल कंपनी तेल की तलाश में आई थी। कंपनी ने यहां 50 किलोमीटर के क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए थे। हैरानी की बात ये है कि सारे उपकरणों ने काम करना बंद कर दिया था। कंपनी के लोग बेहद परेशान हो गए क्योंकि सारे डिवाइस बंद हो गए थे और कुछ भी काम नहीं हो पाया। इस वजह से यहां का नाम जोन ऑफ साइलेंस रखा गया।

यहां रेडियो सिग्नल नहीं है
इस जगह पर आपको एक भी रेडियो सिग्नल नहीं मिलेगा। रेडियो सिग्नल की वजह से ही और रेडियोएक्टिव फ्रीक्वेंसी की वजह से ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस काम करता है। लेकिन जोन ऑफ साइलेंस में ऐसा कुछ नहीं है। कुछ  लोग यहां आने से डरते हैं, तो कुछ लोग ऐसे हैं जिनमें इस जगह को देखने के लिए काफी उत्सुकता होती है। ये जगह काफी विचित्र भी कही जाती है।